प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 77वें स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर अपने संबोधन में उन तीन बुराइयों को जिक्र किया जिससे देश को सबसे ज्यादा नुकसा हो रहा है। पीएम मोदी ने इन बुराइयों को दूर करने का संकल्प लिया। पीएम मोदी ने देशवासियों से अपील की कि वे इन बुराइयों के खिलाफ अपनी लड़ाई को मजूबत करें।

भ्रष्टाचार, परिवारवाद, तुष्टिकरण के खिलाफ लड़ना है-पीएम मोदी

पीएम मोदी ने कहा- ‘आंख मिचौली बंद करके आंख से आंख मिलाकर बात करने का समय है। भ्रष्टाचार से मुक्ति और जंग हर क्षेत्र में होना चाहिए। ये मेरे जीवन का कमिटमेंट है कि मैं भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ता रहूंगा। परिवारवाद ने देश को जकड़कर रखा है।  देश के लोगों का हक छीना है। तुष्टिकरण ने देश के राष्ट्रीय चरित्र को तहस-नहस कर दिया है, दाग लगा दिया है। इन तीन बुराइयों के खिलाफ पूरे सामर्थ्य के साथ लड़ना है।

अमृत काल के दौरान लिए गए निर्णय आने वाली सहस्राब्दी को प्रभावित करेंगे-पीएम मोदी

इससे पहले प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने लाल किले से अपने संबोधन में कहा कि ‘अमृत काल’ के दौरान लिए गए निर्णय और उठाए गए कदम आने वाली सहस्राब्दी को प्रभावित करेंगे।  उन्होंने कहा कि भारत ‘गुलामी की मानसिकता’ से बाहर निकल आया है और नए आत्मविश्वास एवं संकल्प के साथ आगे बढ़ रहा है। उन्होंने कहा, ‘‘हम भाग्यशाली हैं कि आजादी के ‘अमृत काल’ में जी रहे हैं। इस ‘अमृत काल’ में हम जो निर्णय लेंगे, हमारे कार्य और बलिदान अगली सहस्राब्दी के गौरवशाली इतिहास का मार्ग प्रशस्त करेंगे।’’