स्कूली बच्चे पढ़ेंगे स्थानीय बोली-भाषा में कहानियां पुस्तक में होंगे रूचिकर चित्र
छत्तीसगढ़ राज्य के स्कूली बच्चे स्थानीय बोली-भाषा में कहानियों को पढ़ेंगे। इसके लिए बाल रूचिकर कहानियों का स्थानीय बोली भाषा में अनुवाद कराया जा रहा है। इसके पीछे यह उद्देश्य…
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